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तारे सारे, हैं बेचारे...

तारे सारे , हैं बेचारे रात होते ही जलने लगे
तारे सारे, हैं बेचारे साथ मेरे ये चलने लगे
ये तारे भी कर रहे है  मोहब्बत शायद तुमसे
देखकर मुझको साथ तेरे ये जलने लगे
हां ! तारे सारे हैं बेचारे, रौशन होकर ये बुझने लगे
कितने दिन और रहना है तेरे बिन ये कहने लगे
ये तारे भी, हैं हज़ारों फिर, क्यों तुझ एक पर मरने लगे
माना कि है तू, लाखो में एक, फिर भी करोड़ो तेरे पीछे क्यों चलने लगे
तुझ जैसा शायद कोई और होगा न इस जहाँ में
तू हो गया किसी और का तो ढूंढूंगा तुझे कहा मैं
न नाम बाकी है ना निशान मेरा, तुझपे है सब कुर्बान मेरा
चाहे तो तू बसा दे दुनिया ये मेरी, चाहे तो मिटा दे नामोनिशान मेरा
हम तो चाहत में तेरी हर पल, पल - पल तपकर पिघलने लगे
तारे सारे है आवारे तुझपे ना जाने क्यों ये मरने लगे
हां तारे सारे है बेचारे , देखकर मुझको साथ तेरे ये जलने लगे
आशिक हो रहा तेरा ये सारा जहाँ, इश्क़ सब तुझसे करने लगे
हम भी हैं यहां, तेरे बिन मैं कहाँ, हम भी तुझपे मरने लगे
तारे सारे, हैं आवारे, निहारने को तुझे शाम होते ही निकलने लगे
तारे सारे , टिम टिम  कर करके बुझ बूझकर यूं जलने लगें।


#MJ

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